कविता संग्रह

Sunday, August 21, 2022

विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस

 जन्म दिया हूँ पता नहीं रहेगा मेरे पास।

वर्तमान तो देख रहा भविष्य की नहीं आश।।


आज उत्सव कल महोत्सव या होगा उपहास ।

विधि विधाता सब कुछ जाने निज सुत सुता परिभाष।।


कहने को तो बेटा बेटी बहु सुन्दर परिवार।

कल का कोई भरोसा नहीं है कौन होगा दुराचार ??


तीन-तीन चार दश सदस्य कुशल भरा परिवार ।

भले आज आनंद हो कल कौन खेवनहार ??


                             - गोपाल पाठक

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