सूर्य मकर में हो प्रवेश तो होगा घमासान ।
थाली होगा समर भूमि पर तीर नहीं कमान ।।
चूड़ा ,दही , गुड़ , तिलकुट सब, हष्ट पुष्ट बलवान ।
जिह्वा भाग्य विधाता बन कर ,कहेगा कौन महान ।।
परिचय सभी अकड़ कर देगा ,सुनो कान इंसान ।
भूत काल से वर्तमान तक ,कैसा हैं खानदान ।।
चूड़ा खेत देश से आ कर ,फेरे मूंछ पर शान ।
परम धन्य *श्री धान बहादुर*,हम उनके संतान ।।
दही महाशय हांडी क्षेत्र से ,दूध पुत्र से जान ।
जोर प्रहार चूड़ा पर होगा ,मचेगा घोर संग्राम ।।
ईख वंश के परम प्रतापी , गुड़ वीर चट्टान ।
सबसे ऊपर चढ़कर गरजे ,ठोके सीना तान ।।
तीलकुट युवराज बलशाली ,सुनो सभी सावधान ।
मसका लाई जिसके हो बाजु ,होगा घोर कोहराम ।।
चार चतुर मद चूर एक साथ , युद्ध होगा आह्वान ।
पेठ हाथ फेर भूख काल हो , आदमी बन भगवान ।।
सबहि नचावत रामु गोसाईं ,थाली हाथ इंसान ।
स्वाद परम बनकर बलवाना ,विजय पताका मान ।।
- गोपाल पाठक
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