मगही हमर मातृभाषा एकरे से हम सिखली ।
लईका से अब बड़ा होके असल जवानी पईली।।
मईया बाबुजी सबसे पहिले मगही भाषा बोलयलन ।
हिन्दी अउ अँगरेजी बोलिया सब मगहीये में सुनयलन ।।
स्कूलवा में भी मास्टर साहेब मगहीया में पढ़यलन ।
भले हिन्दी कितबबा में पढ़ मगही में समझयलन ।।
चॉक हई अँगरेजी लेकिन चॉकबा लाओ रे लईकन ।
डस्टर के डस्टरवा कहके अनुवाद असानी कयलन ।।
लोग सब पहिले मगही के गाँव गंवार बतयलन ।
एही से अभी भी कुछ अइसन हथ बोले में सरमयलन ।।
तनि जानल बड़कन भईया दीदी मगही भाषा ।
छोटकन के तू मत भड़काब पुरखन धरले आशा ।।
मगध क्षेत्र के मगही संस्कृति सब मिलकर बढ़ाब ।
देश विदेश में ई भाषा के नया रूप देखाब ।।
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© गोपाल पाठक
#मातृभाषा_दिवस
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