कविता संग्रह

Saturday, September 26, 2020

हरा भरा है राँची प्यारा

हरा भरा है राँची प्यारा न्यारा शहर हमारा ।
मनमोहक परिदृश्य है सुन्दर देखो दुनिया सारा ।।

कर्क रेखा के पास अवस्थित छोटा नाग से दक्षिण
स्वर्णरेखा के तट पर बस कर प्रकृति हर पल हर्षित 
तरसे नहीं कोई के जी आओ एक दोबारा
हरा भरा है राँची प्यारा न्यारा शहर हमारा ।।


आर्द्र उप-उष्णकटिबंधीय गर्मी डाले न डेरा
हरियाली कर चंचल चितवन करता नया सबेरा 
पर्वत विटप सुखद जलावायु गठबंधन अलग नजारा
हरा भरा है राँची प्यारा न्यारा शहर हमारा ।।

दशम फौल हूंड्रू जल झरना बड़ा अनमोल रतन है
बाबा पहाड़ी देउड़ी मंदिर मनोकामना स्थल है 
मन विक्षिप्त को कांके देता नव जीवन उजियारा
हरा भरा है राँची प्यारा न्यारा  शहर हमारा ।।

मछलीघर ,चिड़ियाघर, कांके डैम बहुत खूब भावे
राजभवन का नक्षत्र वन देख उमंग गगन मन छाये 
आओ घाटी वादियों में घूमों झूमों घर परिवारा 
हरा भरा है राँची प्यारा न्यारा शहर हमारा ।।

                           - गोपाल पाठक

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