हम वीर जवाँ !
हम वीर जवाँ !!
कई मुसीबत बन नतमस्तक ,गया दूर नहीं कभी आया ।
युद्ध विपदा या घोर संकट ,काली घटा नहीं छाया ।।
फिर कोरोना से क्या रोना धैर्य रखो निज मन में ।
सेवा में हर पल हूँ तत्पर कहीं भी पहूँचूँ छण में ।।
हम वीर जवाँ !
हम वीर जवाँ !!
हम सपूत भारत माता की प्राणों का परवाह नहीं ।
परिवार का मोह नहीं माया के गुलाम नहीं ।।
ममता की अंधियारी से हट तन चौखट आराम नहीं ।
भोग विलास से कोसों दूरी स्वारथ का कोई धाम नहीं ।।
हम वीर जवाँ !
हम वीर जवाँ !!
महामारी दुष्ट दैत्य कोरोना से नहीं हम डरने देंगे ।
घोर भयावह विकराल सा मुख नहीं खोलने देंगे ।।
तो हे देश के प्यारे वासी एक विनय मेरी सुनलो ।
महामारी कोरोना से बच घर में खुद बंदी बन लो ।।
--::---
- गोपाल पाठक
हम वीर जवाँ !!
कई मुसीबत बन नतमस्तक ,गया दूर नहीं कभी आया ।
युद्ध विपदा या घोर संकट ,काली घटा नहीं छाया ।।
फिर कोरोना से क्या रोना धैर्य रखो निज मन में ।
सेवा में हर पल हूँ तत्पर कहीं भी पहूँचूँ छण में ।।
हम वीर जवाँ !
हम वीर जवाँ !!
हम सपूत भारत माता की प्राणों का परवाह नहीं ।
परिवार का मोह नहीं माया के गुलाम नहीं ।।
ममता की अंधियारी से हट तन चौखट आराम नहीं ।
भोग विलास से कोसों दूरी स्वारथ का कोई धाम नहीं ।।
हम वीर जवाँ !
हम वीर जवाँ !!
महामारी दुष्ट दैत्य कोरोना से नहीं हम डरने देंगे ।
घोर भयावह विकराल सा मुख नहीं खोलने देंगे ।।
तो हे देश के प्यारे वासी एक विनय मेरी सुनलो ।
महामारी कोरोना से बच घर में खुद बंदी बन लो ।।
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- गोपाल पाठक
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