कविता संग्रह

Sunday, December 22, 2019

सूदखोर

त्योहार क्या पकवान क्या
रंग होली गुलाल क्या ?
दीप में नहीं रोशनी ,
सूदखोर को मलाल क्या ?


स्वयं क्या परिवार क्या ,
रिश्तेदार से व्यवहार क्या ?
मित से न मित्रता ,
सूदखोर को संस्कार क्या ?

दिन अाहार क्या
रात्रि विश्राम क्या ?
चैन की न नींद पुरी ,
सूदखोर को खुशहाल क्या ?

दिल क्या दिलदार क्या ,
प्रेम और प्यार क्या ?
दिख न मानवता ,
सूदखोर को सरोकार क्या ?

पूजा और पाठ क्या ,
भजन और जाप क्या ?
मुख से न राम राम ,
सूदखोर को भगवान क्या ?

मधुर बोलचाल क्या
करूण पुकार क्या ?
नयन में न आँसू  ,
सूदखोर को परवाह क्या ?

                  © गोपाल पाठक
                          भदसेरी 

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