त्योहार क्या पकवान क्या
रंग होली गुलाल क्या ?
दीप में नहीं रोशनी ,
सूदखोर को मलाल क्या ?

स्वयं क्या परिवार क्या ,
रिश्तेदार से व्यवहार क्या ?
मित से न मित्रता ,
सूदखोर को संस्कार क्या ?
दिन अाहार क्या
रात्रि विश्राम क्या ?
चैन की न नींद पुरी ,
सूदखोर को खुशहाल क्या ?
दिल क्या दिलदार क्या ,
प्रेम और प्यार क्या ?
दिख न मानवता ,
सूदखोर को सरोकार क्या ?
पूजा और पाठ क्या ,
भजन और जाप क्या ?
मुख से न राम राम ,
सूदखोर को भगवान क्या ?
मधुर बोलचाल क्या
करूण पुकार क्या ?
नयन में न आँसू ,
सूदखोर को परवाह क्या ?
© गोपाल पाठक
भदसेरी
रंग होली गुलाल क्या ?
दीप में नहीं रोशनी ,
सूदखोर को मलाल क्या ?

स्वयं क्या परिवार क्या ,
रिश्तेदार से व्यवहार क्या ?
मित से न मित्रता ,
सूदखोर को संस्कार क्या ?
दिन अाहार क्या
रात्रि विश्राम क्या ?
चैन की न नींद पुरी ,
सूदखोर को खुशहाल क्या ?
दिल क्या दिलदार क्या ,
प्रेम और प्यार क्या ?
दिख न मानवता ,
सूदखोर को सरोकार क्या ?
पूजा और पाठ क्या ,
भजन और जाप क्या ?
मुख से न राम राम ,
सूदखोर को भगवान क्या ?
मधुर बोलचाल क्या
करूण पुकार क्या ?
नयन में न आँसू ,
सूदखोर को परवाह क्या ?
© गोपाल पाठक
भदसेरी
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