जब से कट गईल चलान ।
सईंयाँ नहीं करे फरमान ।।
पहले चलाबे सईंयाँ मोटर बाला साइकिल ,
धर पकड़ होय तो चढ़ल बाईसाकिल ,
एके बार में फट गेल गुमान।
जब से कट गईल चलान
सईंयाँ नहीं .............
सुनूँ सुनूँ तनि सईंयाँ धीरे चलाब ,
लहरिया कट ज्यादा न दिखाब ,
बात लेहु तू मोरा मान ।
जब से कट गईल चलान
सईंयाँ नहीं ............
लाईसेंस लागी हम सईंयाँ टेर लगईली
सारी कागजात ठीक कभी भी न कईली
अब केहु होईल परेशान ?
जब से कट गईल चलान
सईंयाँ नहीं .............
यही दिन देखेलागी हल तोर बाकि ,
जतरा ठीक कर देले जब खाकी ,
पंडित जी देले ग्रह ज्ञान ।
जब से कट गईल चलान
सईंयाँ नहीं .............
शनि राहु केतु सब करे घमासान ,
गुरू नीच मंगल बुध नहीं काम ,
सोम सूर्य शुक न कल्याण ।
जब से कट गईल चलान
सईंयाँ नहीं ..............
एक खाश बात पंडित जी कहेला ,
परशासन के बात कभी न उठेला ,
सुरक्षा के रख ध्यान ।
तब से न कटतो चलान ।।
जब से कट गईल चलान ।
सईंयाँ नहीं करे फरमान ।।
© गोपाल पाठक
भदसेरी
चित्र- #फेशबुक_परिवार_से
No comments:
Post a Comment