कविता संग्रह

Thursday, April 11, 2019

राम नाम का शोर

*जय श्री राम ! जय श्री राम !*

राम नाम से चारों दिशायें ,
गूँजे चारों ओर |
राम राम सियाराम राम हो
हर घर में हो शोर

जब तक गंगा पावन धरती ,
सूर्य गगन में चमके |
तब तक राम नाम की वर्षा ,
पुरे विश्व में वरसे |


नहीं रहे कोई कोना खाली
राम नाम को जापे |
चाईना हो या अरब देश
पाक राम अपनाबे |

फिर बना रहेगा अमन शांति ,
द्वेष नहीं रह पाबे |
पुन: हमारा देश जगत में ,
विश्व गुरू कहलाबे |
तो
रहना नहीं अब शांत बैठकर ,
शेर बन दहाड़ें |
वन वनराज हो सारी जंता ,
ऐंठा गीदड़ लताड़ें |

जय श्री राम !

             - गोपाल पाठक
                         भदसेरी

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