हृदय आनंदित हर्ष हुआ है
नयनो का आनंद हुआ है
मोदी जी जो किया आपने
वैसा नहीं कोई कर्म किया है
स्वच्छ सिपाही का मान बढ़ा
कर्मों का अरमान बढ़ा
जो देखा दृश्य मैं समाचार में
कहने को न शब्द गढ़ा ।
क्या कहूँ क्या नया शब्द में
अभी नवोदित हूँ निशब्द में
जो दिखलाया आज आपने
कभी नहीं कोई करे लब्ध में ।
पर एक विनय तुमसे मेरी
अब बदला में न कर देरी
जो खून खेला है दुश्मन ने
तू बिगुल बजा दो रणभेरी ।
फिर देखो तांडव अपना
रणचंडी कर मूंडी चखना
अमर शौर्य की अमर वाणी
गूंजेगा बलिदानी अंगना ।
तब तृप्त रहेंगे अमर वीर
जो गये स्वर्ग मेघों के चीर
लहू लाल जब पाकिस्ता देख
उनकी आत्मा रहे न पीर ।
- गोपाल पाठक
भदसेरी
नयनो का आनंद हुआ है
मोदी जी जो किया आपने
वैसा नहीं कोई कर्म किया है
स्वच्छ सिपाही का मान बढ़ा
कर्मों का अरमान बढ़ा
जो देखा दृश्य मैं समाचार में
कहने को न शब्द गढ़ा ।
क्या कहूँ क्या नया शब्द में
अभी नवोदित हूँ निशब्द में
जो दिखलाया आज आपने
कभी नहीं कोई करे लब्ध में ।
पर एक विनय तुमसे मेरी
अब बदला में न कर देरी
जो खून खेला है दुश्मन ने
तू बिगुल बजा दो रणभेरी ।
फिर देखो तांडव अपना
रणचंडी कर मूंडी चखना
अमर शौर्य की अमर वाणी
गूंजेगा बलिदानी अंगना ।
तब तृप्त रहेंगे अमर वीर
जो गये स्वर्ग मेघों के चीर
लहू लाल जब पाकिस्ता देख
उनकी आत्मा रहे न पीर ।
- गोपाल पाठक
भदसेरी
No comments:
Post a Comment