बेटा कैसी है तैयारी जरा बतला दो ।
मैं आ रहीं हूँ द्वारी तेरी दिखला दो ।।
मेरी सुनो कान अपील
काम करो सब मील
सुरक्षा न हो ढील
रखना चहुँ दिश सलील
जरा बतला दो ।
मैं आ रहीं हूँ द्वारी तेरी दिखला दो ।
कोरोना है बड़ा शैतान,
पर रहना तू सावधान,
मुख मास्क रहे ध्यान,
होगा सदा कल्याण,
जरा बतला दो ।
मैं आ रहीं हूँ द्वारी तेरी दिखला दो ।।
प्लास्टिक का न प्रयोग,
पानी का न दुरूपयोग,
पैसा का सदुपयोग,
गरीबों को मिले भोग,
जरा बतला दो ।
मैं आ रहीं हूँ द्वारी तेरी दिखला दो ।।
ज्यादा शोर न शराब,
असामाजिक न भड़काव,
इधर उधर न पेशाब,
कचड़ा का रख रखाब,
जरा बतला दो ।
मैं आ रहीं हूँ द्वारी तेरी दिखला दो ।।
जब मेला हो प्रारंभ,
कोई करे न हूड़दंग,
डाले रंग में न भंग,
जब घूमें साथी संग,
जरा बतला दो ।
मैं आ रहीं हूँ द्वारी तेरी दिखला दो ।।
- गोपाल पाठक
No comments:
Post a Comment