हटो नहीं,डटे रहो,
तु वीर हो ,इस देश के |
तेरे रगों में रक्त है,
तु भक्त हो,इस देश के |
हनुमान भीम रूप धर,
दुश्मनों के देख के |
दहाड़ कर ऐसा दिखा ,
देखे नहीं ,इस देश के ।
गर्व है तेरे विरता पर,
विशाल रूप देख के |
दुश्मनों के भय लगे,
रौद्र रूप देख के |
काल का भी मन हटे,
विरता दृश्य देख के |
झुको नहीं, डटे रहो,
सम्मान मे इस देश के |
............................................
जय हिंद !
जय जवान !
© गोपाल पाठक
भदसेरी
तु वीर हो ,इस देश के |
तेरे रगों में रक्त है,
तु भक्त हो,इस देश के |
हनुमान भीम रूप धर,
दुश्मनों के देख के |
दहाड़ कर ऐसा दिखा ,
देखे नहीं ,इस देश के ।
गर्व है तेरे विरता पर,
विशाल रूप देख के |
दुश्मनों के भय लगे,
रौद्र रूप देख के |
काल का भी मन हटे,
विरता दृश्य देख के |
झुको नहीं, डटे रहो,
सम्मान मे इस देश के |
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जय हिंद !
जय जवान !
© गोपाल पाठक
भदसेरी
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